आज के इस लेख में हम आपको बताएँगे की RTD क्या है? Full form of RTD in Hindi क्या है? इसका इस्तेमाल कहाँ-कहाँ होता है, आरटीडी कैसे काम करता है, इसे किस material (मेटल) से बनाया जाता है। RTD में platinum का प्रयोग क्यों किया जाता है? और इसके कितने प्रकार होते हैं।
दोस्तों अगर आप ITI में इलेक्ट्रीशियन की पढ़ाई करते है तो आपने जरूर एक ना एक बार RTD शब्द के बारे में सुना होगा।
इसके अलावा अगर आप किसी बड़े कंपनी या इंडस्ट्री में वर्क करते हैं तो भी आपने RTD के बारे में सुने होंगे। अगर आप इस लेख पर आये हैं तो जरूर आपको आरटीडी की जानकारी चाहिए होगी।
इसे आप जानेंगे RTD का full form और हिंदी में मतलब क्या होता है?
आपको बता दे की RTD, thermocouple का सबसे उन्नत किस्म का यन्त्र है अर्थात ये thermocouple से भी advance है।
अभी जैसे-जैसे industry, factory आधुनिक होते जा रहे है वहां थर्मोकपल की जगह RTD डिवाइस का ही प्रयोग किया जाता है।

आपके जानकारी के बता दे की thermocouple का design ऐसा होता है कि ये तापमान को मिली वोल्ट में मापता है, इस डिवाइस के चैम्बर में पीला तार positive को प्रदर्शित करता है और लाल तार negative को।
Thermocouple, सीबेक इफ़ेक्ट के सिद्धांत पर काम करता है. आपको बता दे कि Seebeck, thermoelectric प्रभाव के अंतर्गत आने वाले तीन इफ़ेक्ट में से एक है।
RTD क्या है?
RTD एक तरह का यन्त्र है जिसे रेजिस्टेंस थर्मामीटर (Resistance Thermometer) भी कहते है। यह एक temperature sensor है और इस device का प्रायः प्रयोग इंडस्ट्रीज तथा फैक्टरियों में तापमान को मापने के लिए किया जाता है।
तापमान में वृद्धि के साथ TRD का resistance भी बढ़ता है और तापमान का आउटपुट भी रेजिस्टेंस में प्राप्त होता है और ये Positive temperature Coefficient (PTC) पर work करता है।
RTD के structure की बात करे तो इसके निचले छोर पर RTD के element होते हैं।
इन एलिमेंट को सपोर्ट करने के लिए मध्य में लीड सपोर्ट होता है। ये एलिमेंट प्लैटिनम, निकल, कॉपर और टंगस्टन धातु के बने हो सकते हैं।
इसके किनारे पर एक विशेष तरह का खोल (sheath) होता है जो RTD को अधिक तापमान से सुरक्षित रखता है। इसके बाद इसके head पर एक तरफ Mounting Thread होता है जो इसे कहीं लटकाने के काम आता है।
RTD के head से 2, 3 या 4 connecting lead निकले होते हैं। Temperature की accuracy, connecting lead की संख्या से निर्धारित होती है, मतलब जितना अधिक lead होगा उतना सटीक temperature मिलेगा।
Full Form Of RTD In Hindi (आरटीडी का फुल फॉर्म क्या होता है)
RTD full form में R का मतलब Resistance, T का मतलब Temperature और D का full form Detector होता है। इस तरह RTD का full form in English हुआ Resistance Temperature Detector.
हिंदी में इसके full form का मतलब ‘प्रतिरोध तापमान संसूचक‘ होता है।
R | Resistance (रेजिस्टेंस) | प्रतिरोध |
T | Temperature (टेम्परेचर) | तापमान |
D | Detector (डिटेक्टर) | संसूचक |
Types Of RTD In Hindi
Types Of RTD बहुत से हैं जिसे आज आपको Hindi में बता रहे हैं। Resistance Temperature Detector को हम दो श्रेणियों में विभाजित करते हैं पहला connection के आधार पर और दूसरा तार (wire) के आधार पर।
कनेक्शन वाले प्रथम श्रेणी में हमें में भी दो उप श्रेणी देखने को मिलता है पहला है RTD simplex और दूसरा duplex होता है।
अब दूसरे श्रेणी यानी कि wire में तीन तरह के RTD आते है पहला two wire, दूसरा 3 तार वाला और 3rd 4 wire RTD. इन सभी को एक-एक करके नीचे जानिए।
Simplex RTD
जिसमे temperature का output सिर्क एक ही स्थान पर भेजा जाता है उसे Simplex RTD से जाना जाता है। इसकी अधिकतम 3 तार होते हैं।
Duplex RTD
Duplex RTD का इस्तेमाल मुख्यतः फार्मासूटिकल्स (Pharmaceuticals), Textiles, Chemical और Food उद्योगों में किया जाता है।
Duplex RTD का प्रयोग उस जगह पर किया जाता है जहाँ signal को 2 स्थानों पर भेजना होता है, उदाहरण के लिए distributed control system (DCS) या Programmable Logic Controller (PLC) और दूसरा location indicator को भेजा जाता है जहाँ तापमान को देखा जाता है।
Two Wire RTD Kya Hai?
जैसा कि इसके नाम से प्रतीत होता है इसमें two wire यानी की दो तार होते है। इस RTD का प्रयोग छोटी दूरी के लिए किया जाता है जैसे 3 से 4 मीटर की दूरी के लिए। इससे अधिक दूरी होने पर temperature की accuracy (सटीकता) कम हो जाती है।
3 (Three) Wire RTD
आपको बता दें कि RTD में जैसे-जैसी तारों की लम्बाई बढ़ती है वैसे-वैसे तारों का खुद का रेजिस्टेंस भी output में जुड़ जाता है, जिससे temperature का measurement अधिक आता है।
Three wire RTD में तीन तार होता है और जो तीसरा तार होता है वो तार की अधिक लंबाई से पैदा होने वाले resistance (रेजिस्टेंस) को कम या ख़त्म कर देता है जिससे temperature का output accurate मिलता है।
RTD में किस Metal का Use होता है?
Resistance Temperature Detector में चार metal का use होता है जो है Platinum, Nickel, Copper, Tungsten. Platinum wire से बने हुए RTD PT100, PT500, PT1000 के नाम से आते है।
PT100
PT100 में platinum wire का use किया जाता है क्योंकि ये स्थिर और सटीक परिणाम देता है। प्लैटिनम उत्कृष्टता दोहराव प्रदान करता है और ये प्रति डिग्री बदलाव पर पर्याप्त बड़ी resistance चैन प्रदान करने में सक्षम है।
इसका रैखिककरण समीकरण है:
Rt = R0 * (1 + A* t + Bt2 + C(t-100)* t3)
जहाँ Rt resistance है तापमान t पर और R0 resistance है 0°C पर और
A = 3.9083 E–3
B = –5.775 E–7
C = –4.183 E–12 (below 0 °C), or
C = 0 (above 0 °C)
PT100 0°C पर 100Ω का resistance output देता है और 1 °C के तापमान बदलाव पर इसके resistance में 0.384 Ω (ohm) का परिवर्तन देखने को मिलता है।
PT100 का Numerical Solve करने का formula है:
Rt = Ro(1+αot)
जहाँ Rt, RTD का resistance है temperature t Ω पर
Ro = rtd का रेजिस्टेंस है 0°C (ohm) पर और
αo = resistance का temperature coefficient है 0°C पर (प्रति °C)
PT500
यहाँ PT का अर्थ है platinum और 500 का अर्थ है कि ये RTD 0°C पर 500 Ω (ohms) का resistance output देता है। PT500 का बहुत ही कम प्रयोग किया जाता है।
PT1000
PT1000 का इस्तेमाल PT100 sensor के ऊपर दो तार वाले applications (अनुप्रयोग) में किया जाता है। इसका कारण यह है कि जो PT 1000 सेंसर है वो लीड के रेजिस्टेंस को कम महत्वपूर्ण बनाता है।
RTD का Temperature Range कितना होता है?
RTD का temperature range उसके धातु (metal) पर निर्भर करता है। चार अलग अलग धातु से बना rtd का निम्नलिखित temperature range है।
Platinum Wire RTD (PT100) | −260 °C से 110°C तक |
Copper Wire | 0°C से 180 °C तक |
Nickel | −220 °C से 300+ °C तक भांप सकते है |
Tungsten | −200 °C से 1000° तक भांपता है |
Working Principal Of RTD In Hindi
हर metal में atom होता है और उसके पास अपनी ऊर्जा होती है इसी वजह से उनमें हल्का कंपन होता है। जब किसी बैटरी को कंडक्टर से जोड़ा जाता है तो उसमे करंट का प्रवाह होता है।
करंट का ये प्रवाह इलेक्ट्रान की वजह से होता है और जो इलेक्ट्रान है वो मेटल में मौजूद एटम से टकराता है।
इस टकराव की वजह से electron की गति कम हो जाती है और ये material गुण है। इसी गुण की वजह से जो metal है वो करंट के प्रवाह का विरोध करता है और यही मटेरियल का resistance होता है।
जब कंडक्टर गर्म होता है तो मेटल में मौजूद एटम और ज्यादा कंपन करने लगते हैं और जो electron flow हो रहा होता है वो और अधिक टकराने लगता है।
इस टकराव की वजह से उसकी गति और अधिक कम हो जाती है, जिसका परिणाम ये होता है कि current का output भी कम हो जाता है।
RTD में use होने वाले धातु का तापमान के प्रति रेजिस्टेंस होता है और जैसे-जैसे temperature बढ़ता है RTD के element में use होने वाले metal जैसे Platinum, copper Nickel और tungsten का resistance भी बढ़ता है।
Configuration (विन्यास)
आम तौर पर RTD तीन प्रकार के configuration में आते है जो हैं Thin Film, Wire Wound RTD और coil element.
Thin Film

इसमें फ्लैट सेरामिक प्लेट के ऊपर platinum की पतली परत होती है और उसके ऊपर से ग्लास की coating की जाती है इसे ही Thin Film type Rtd कहते हैं।
Wire Wound

Wire Wound RTD में platinum या किसी अन्य धातु को ग्लास अथवा सिरेमिक के bobbin (डोलन) पर गोल स्प्रिंग की तरह लपेटा जाता है और उसके ऊपर से पिघले हुए कांच की परत दी जाती है।
Coil element
जो रेजिस्टेंस का तार होता है उसे छोटे से coil में रोल कर दिया जाता है जिसे सेरामिक फॉर्म में ढीला फिट किया जाता है उसके बाद non-conductive (गैर प्रवाहकीय) powder भर दिया जाता है और इसे ही coil element rtd कहते हैं।
RTD की Accuracy कितनी होती है?
RTD, thermocouple से अधिक accurate होता है। ये कम तापमान रेंज में अधिक सटीक काम करता है औए इसकी accuracy 0.1 से 1℃ होती है।
RTD का Response Time कितना होता है?
RTD का response time तेज़ होता है ये 0.5 सेकंड से 5 सेकंड में response करता है।
निष्कर्ष:
आप इस लेख को पढ़ कर जान गए कि RTD क्या होता है, full form of RTD क्या है। इसी के साथ आपने जाना RTD में use होने वाले धातु के बारे में और Resistance temperature detector का temperature range कितना होता है। आरटीडी का working principal भी आपने जाना और कितने प्रकार के ये RTD होते है ये भी जान गए होंगे। उम्मीद करते हैं कि ये लेख आरटीडी के बारे में हिंदी में समझ आयी होगी। अगर आपका कोई सवाल है तो कमेंट करके पूछ सकते हैं।
ये भी पढ़ें-