USB का नाम आप अक्सर सुनते आ रहे होंगे लेकिन आपको यह पता नहीं होगा की USB को हिंदी में क्या कहते है और इसका फुल फॉर्म क्या होता है? आज हम इस पोस्ट को विशेष तौर से USB से सम्बंधित जानकारी देने के लिए लिखे है।
यूएसबी बहुत सारे फॉर्म में आता है जैसे केबल के रूप में, फ़्लैश ड्राइव के साथ, पोर्ट के रूप में और इसके अलावा मिनी, माइक्रो, टाइप-ए, टाइप-बी, टाइप-सी, इसके अतिरिक्त और भी बहुत सारे आकर और प्रकार USB के होते हैं।
अगर वर्शन की बात करे तो इसमें भी बहुत सारे संस्करण देखने को मिलते हैं जैसे ओटीजी, 1.0 & 1.1, 2.0, 3.0, 3.1, 3.2, USB4 इत्यादि। एक-एक करके इन सभी वर्शन की जानकारी हिंदी में आसान शब्दों में नीचे बताया गया है।

वैसे बहुत से लोग इतना तो जानते है कि USB का इस्तेमाल कंप्यूटर, मोबाइल, प्रिंटर, चार्जिंग केबल के रूप में किया जाता है। आज इस लेख में आप जानेंगे की USB क्या होता है? इसका प्रयोग कहाँ-कहाँ पर किया जाता है? और साथ ही साथ इसका full form और हिंदी में मतलब क्या होता है?
तो चलिए जानना शुरू करते हैं।
USB क्या है?
USB दो उपकरणों के बीच कनेक्शन को स्थापित करने का एक माध्यम है जो आम तौर पर केबल व यूएसबी हब (पोर्ट) के रूप में देखा जा सकता है।
USB एक औद्योगिक मानक है जो बाह्य उपकरणों जैसे कि कंप्यूटर, मोबाइल, पेन ड्राइव, एक्सटर्नल हार्ड डिस्क, प्रिंटर, चार्जर व अन्य उपकरणों के मध्य बिजली आपूर्ति व डेटा ट्रांसफर के लिए कनेक्टर का काम करता है।
USB का Full Form
USB का full form Universal Serial Bus होता है और हिंदी में इसे ‘सामान्य क्रमिक बस‘ (यूनिवर्सल सीरियल बस) कहते हैं.
यूएसबी कितने प्रकार के होते हैं?
वैसे तो विभिन्न प्रकार के USB होते हैं जिनका प्रयाग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। कुछ का इस्तेमाल उद्योगों में बड़े-बड़े उपकरणों को कंप्यूटर के माध्यम संचालित करने के लिए किया जाता है।
कुछ का इस्तेमाल सामान्य तौर पर आम जन-जीवन में किया जाता है जैसे स्मार्टफोन के चार्जर में, कंप्यूटर में लगने वाले माउस और कीबोर्ड में, प्रिंटर को PC या लैपटॉप से कनेक्ट करने के लिए।
अगर प्रकार की बात करें तो USB विभिन्न प्रकार के आते हैं जैसे कि 2.0, USB 3.0, 3.1, 3.2 इन सबको type-A कहा जाता है। इसके अलावा mini-B, micro-B और type-C भी आता है।
दूसरी ओर USB On-the-go (OTG) केबल भी होता है जिसमे दो अलग-अलग सिरे पर विभिन्न आकर के यूएसबी पोर्ट बनाये जाते है। OTG को विस्तार से नीचे में बताया गया है।
देखिये वैसे तो विभिन्न साइज के कॉम्बिनेशन में यूएसबी आते है जिसे एक साथ आपको समझने में कन्फ्यूश़न होगा इस लिए सिर्फ उन्ही के बारे में आपको जानना है जो आम तौर पर इस्तेमाल में लिए जाते हैं।
USB On-The-Go (OTG)
OTG USB का ही एक प्रकार है जिसका उपयोग स्मार्टफोन को अन्य डिवाइस जैसे पेन ड्राइव या मेमोरी कार्ड (Micro SD Card) को चलते-फिरते कनेक्शन को स्थापित करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा OTG को स्मार्टफोन और प्रिंटर से अटैच करके mobile से print भी निकाल सकते हैं।
USB On-The-Go केबल में दो छोर होते हैं जिसमे से एक तरफ Type-C या नार्मल Type-B (micro-USB) कनेक्टर होता जो मोबाइल के यूएसबी पोर्ट में लगाया जाता है।
दूसरी छोर पर 2.0, 3.0 या 3.1 (Type-A) पोर्ट दिया रहता है जिसमे आपका USB फ़्लैश ड्राइव (Pendrive) या कार्ड रीडर की सहायता से मेमोरी कार्ड लगता है।
USB 1.0 & 1.1
USB 1.0 यूनिवर्सल सीरियल बस का सबसे पुराना वर्शन है इसे 1996 में और 1.1 को 1998 में लाया गया था। इन दोनों यूएसबी की फुल स्पीड 12 Mb/s मापी गयी है, हालांकि इनकी वास्तविक गति पूरी नहीं मिल पाती है।
इसके अलावा 1.0 और 1.1 की निम्न गति 1.5 Mb/s देखि गयी है। इनमे स्टैण्डर्ड टाइप-ए और टाइप-बी आता है लेकिन टाइप-सी स्टैण्डर्ड में नहीं आता।
यूएसबी 2.0
प्रायः इस्तेमाल में लाये जाने वाला USB वर्शन 2.0 ही है क्योंकि इसको बनाने में कम लागत लगती है और बहुत से डिवाइस भी इसको सपोर्ट करते हैं।
वर्ष 2000 में USB 2.0 को लाया गया और उसी समय से ये चला आ रहा है जिसका पोर्ट आज भी हमारे लैपटॉप में और डेस्कटॉप कंप्यूटर के कैबिनेट (CPU) में देखने को मिलता है। स्पीड के दृष्टिकोण से यह 480 Mb/s (60 MB/s) की डेटा सिग्नलिंग रेट (DSR) प्रदान करने में सक्षम है।
USB 3.0
USB का तीसरा सबसे बड़ा वर्शन (प्रकार) 3.0 है जिसे वर्ष 2008 में रिलीज़ किया गया था। इसकी अधिकतम ट्रांसफर गति 5 Gbit/s (625 MB/s) मापी गयी है। यूएसबी 3.0 के कनेक्टर के अंदर की संरचना नीले रंग की होती है, जिसमे आगे की पंक्ति में 4 पिन और दूसरी पंक्ति में 5 पिन होते हैं।

इसका प्रयोग थोड़े महंगे नोटबुक, कंप्यूटर अथवा दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में किया जाता है। यूएसबी 3.0 का पोर्ट बहुत कम देखने को मिलता है क्योंकि ये थोड़ा महंगा होता है इसी लिए इसे उच्च श्रेणी के लैपटॉप और डेस्कटॉप में लगाया जाता है।
यूएसबी 3.1
मौजूदा समय में USB 3.1 के दो प्रकार देखने को मिलते हैं जिसे वर्ष 2013 में लांच किया गया था। पहला वाला संस्करण जिसे यूएसबी 3.1 जनरेशन 1 कहते हैं, यूएसबी 3.0 के सुपरस्पीड transfer mode को कायम रखता है।
दूसरी ओर USB 3.1 जनरेशन 2 आता है जो एक नए सुपरस्पीड+ ट्रांसफर मोड के साथ कार्य करता है अर्थात इसकी अधिकतम डेटा ट्रांसफर गति 10 Gb/s (1.21 GB/s) की होती है।
3.2 USB
इस्तेमाल में लिए जाने वाला USB 3.2 सबसे लेटेस्ट वर्शन है जिसे साल 2017 के सितम्बर माह में लाया गया था। इसकी विशेषता की बात करें तो ये यूएसबी 3.1 के सुपरस्पीड और सुपरस्पीड+ को बनाए रखता है। इसके अतिरिक्त इसमें जो type-C आता है उसमे दो नए SuperSpeed+ ट्रांसफर गति देखने को मिलती है जो क्रमशः 10 और 20 Gb/s (1.25 और 2.5 GB/s) है।
USB4
वर्ष 2019 में रिलीज़ USB4 अभी तक का सबसे आधुनिक और नवीनतम USB है जो Thunderbolt 3 प्रोटोकॉल स्पेसिफिकेशन पर आधारित है। स्पीड की बात करें तो USB 4 डेटा स्थानांतरण दर 40 Gb/s तक की प्रदान करता है। USB4 थंडरबोल्ट 3, USB 2.0 और 3.2 के अनुकूल है अर्थात ये इन तीनो वर्शन को सपोर्ट करता है।
USB 4 ports की पहचान करना बहुत ही आसान है, जिस डिवाइस में थंडर अर्थात बिजली का सिंबल बना होगा वो USB4 ports होता है।
USB4 भारत में कम इस्तेमाल में लाया जाता है क्योंकि इसकी प्राइस काफी हाई होती है। पर आने वाले समय में इसकी उपयोगिता और डिमांड बढ़ेगी तो यह हमारे बीच अधिक से अधिक देखने को मिलेगा।