K2 EMF Meter क्या होता है – कैसे काम करता है?

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‘EMF Meter’ यह नाम बहुत ही कम लोगों ने सुना होगा, लेकिन आप इस मीटर की जानकारी लेना चाहते है तो जाहिर है की आप इसका नाम कहीं ना कहीं सुने होंगे।

बहुत से वीडियो में हमें एक छोटा सा हैंड मीटर दिखाया जाता है जिसमे कुछ लाइट लगी होती है और वो थोड़ी-थोड़ी देर में जलती और बुझती रहती है।

इस तरह का प्रयोग किसी सुनसान जगह या फिर किसी बंगले और पुराने पड़े बिल्डिंग में किया जाता है। उस जगह पर EMF मीटर का इस्तेमाल किया जाता है। मीटर में मौजूद सभी लाइट्स या कुछ लाइट जलती है और प्रयोग करने वाले उसे भूत या किसी नेगटिव एनर्जी से जोड़ कर दिखाते हैं।

K2 EMF Meter क्या है

आज इस लेख में आप जानेंगे EMF meter क्या होता है और ये कैसे काम करता है? इसी के साथ आपको हम बताएँगे कि EMF या K2 मीटर की सच्चाई क्या है? क्या ये मीटर सच में भूत या आत्माओं का पता लगा लेता है? इसकी लाइट के जलने के पीछे का कारण क्या है? इन सभी बातों की जानकारी आज आपको शुद्ध हिंदी में देने जा रहे हैं।

EMF Meter क्या होता है?

EMF जिसे K2 meter भी कहते हैं एक प्रकार का यन्त्र है जिसका उपयोग किसी भी स्थान पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड का पता लगाने के लिए किया जाता है। मतलब K-II EMF मीटर से उस जगह का पता लगता है जहाँ पर विद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र होता है।

ये जानकारी आपको कहीं और नहीं मिलेगी, 2 मिनट में पढ़ें:

K2 EMF मीटर कैसे काम करता है?

यह डिवाइस LM324 IC पर आधारित होता है और K2 EMF Meter के अंदर छोटी सी बैटरी लगी होती है जो इसे चलाने का कार्य करती है। इसके अलावा कुछ K2 device आवाज़ के साथ आते हैं जो फ्रीक्वेंसी मिलने पर बीप की ध्वनि निकालते हैं।

हर इलेक्ट्रॉनिक सामान से AC इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड बनता है जैसे कि आपका फ्रिज, पंखा, मोटर, टीवी, मोबाइल फ़ोन इत्यादि। EMF मीटर में लगे हुए सेंसर उस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के रेंज को 1.5 mG से लेकर 20+ मिलीगॉस (Milligauss) में माप कर अपने डिजिटल एलसीडी स्क्रीन पर दिखाते हैं।

कुछ EMF meter में एलसीडी स्क्रीन नहीं होता बल्कि उसकी जगह पर ग्रीन, डार्क ग्रीन, Yellow, ऑरेंज और रेड कलर की 5 LED लाइट्स लगी होती हैं और कुछ के2 इएमएफ मीटर में मापने की सुई होती है।

Milligauss क्या है?

चुंबकीय क्षेत्र को मापने की इकाई को Milligauss कहते हैं। यह इकाई चुंबकीय क्षेत्र के घनत्व को गॉस (Gauss) में मापति है। दरअसल गॉस (Gauss) का प्रतीक G है जो कि गौसियन सिस्टम ऑफ यूनिट्स (Gaussian System Of Units) का एक हिस्सा है।

EMF मीटर का उपयोग

इस मीटर का इस्तेमाल घर के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की जाँच करने में किया जाता है। K2 EMF device के जरिये उन इलेक्ट्रॉनिक सामान से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगो को मापा जाता है जिससे उस उत्पाद के ठीक व ख़राब होने का पता चलता है।

पैरानॉर्मल एक्टिविटी पर रिसर्च करने वाले EMF meter का इस्तेमाल भूत, प्रेत और आत्माओं की मौजूदगी का पता लगाने के लिए करते हैं। जब किसी भूत की मौजूदगी होती है तो इस मीटर की सभी बत्तियां जलने लगती हैं किसी-किसी meter में स्क्रीन पर कुछ नंबर अंकित हो जाते हैं जो उस आत्मा के ताकतवर होने की जानकारी देते हैं।

लेकिन ये कितना सच है नीचे और पढ़ कर जाने।

EMF मीटर का Full Form In Hindi

EMF का full form Electromagnetic field होता है और हिंदी में इसे विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र कहते हैं। इसके लिए जो डिवाइस आता है उसे K2 EMF meter के नाम से जाना जाता है।

क्या है इसकी सच्चाई?

जैसे हवा हमें नहीं दिखती परन्तु उसके होने का एहसास होता है ठीक उसी प्रकार से हमारे वातावरण या फिर वायुमंडल में तमान तरह की फ्रीक्वेंसी, रेडिएशन और एनर्जी मौजूद हैं लेकिन हम उन्हें देख नहीं सकते। इन्ही को जाँचने के लिए यंत्रों का निर्माण किया जाता है।

भूत, प्रेत व आत्माओं का संसार है या नहीं ये तो मुझे नहीं पता परन्तु बहुत से परासाइंस (Parascience) पर पढ़ाई करने वाले लोग इनके होने का दावा पेश करते हैं।

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