LCD क्या है? इसका Full Form

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LCD का इस्तेमाल टीवी, मॉनिटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन में हमें देखने को मिलता है। लेकिन ये किस टेक्नोलॉजी पर काम करता है, इसके अंदर क्या होता है? एलसीडी कैसे बनता है? और इसका full form हिंदी में क्या होता है? इसकी जानकारी शायद ही आपको पता होगी।

LCD क्या है?

हमने यह लेख विशेष तौर से आपके लिए तैयार की है और आपको LCD से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में दे रहे हैं ताकि आपको कहीं और जाने की जरुरत ना पड़े।

अगर आप इंजीनियरिंग के क्षात्र है तो आपको बता दें कि LCD के बारे में परीक्षाओं में भी सवाल पूछे जाते हैं। हालाँकि अभी LED और प्लाज्मा टीवी का जमाना है और बहुत से देशों में plasma का ही इस्तेमाल स्क्रीन बनाने में किया जा रहा है क्योंकि इसमें पिक्चर क्वालिटी बहुत हाई डेफिनिशन (या high resolution) वाली होती है और स्क्रीन पर हर एक इमेज साफ़-साफ़ दिखाई देती है।

तो चलिए जानते है एलसीडी के बारे में आसान शब्दों में।

LCD क्या है?

LCD एक प्रकार का display है जो चार मुख्य परतों से मिल कर बना होता है और यह समतल पैनल प्रदर्शन तकनीकी पर काम करता है। LCD का प्रयोग टेलीविज़न, लैपटॉप, डेस्कटॉप और स्मार्टफोन की डिस्प्ले बनाने में किया जाता है। एलसीडी का प्रयोग अन्य प्रकार के डिजिटल स्क्रीन के निर्माण में भी किया जाता है।

आम तौर पर इसे बड़े-बड़े एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व प्रदर्शनियों में देखा जा सकता है। हालांकि इसकी जगह पर अब LED को काम में लिया जा रहा है।

एलसीडी स्क्रीन या डिस्प्ले को तार के माध्यम से इलेक्ट्रिक की सप्लाई दी जाती है, उसके बाद किसी डिवाइस जैसे कि pen drive, डीवीडी प्लेयर या डिश एंटीना के इनपुट वायर को लगा कर वीडियो देखा जा सकता है।

बड़े-बड़े उद्योगों में एलसीडी स्क्रीन का इस्तेमाल सर्विलांस (निगरानी) अथवा प्रोडक्शन लाइन को देखने के लिए किया जाता है जिसके लिए CCTV कैमरे लगाए जाते हैं।

LCD का Full Form क्या है (पूरा नाम)?

English में LCD का full form Liquid Crystal Display होता है और हिंदी में इसका पूरा नाम ‘तरल पारदर्शी काँच प्रदर्शक‘ से जाना जाता है। इसका मतलब यह है कि इसके अंदर में लिक्विड क्रिस्टलाइन पदार्थ होता जो द्रव्य रूप में मौजूद रहता है।

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LCD कैसे बनता है?

कारखानों में एलसीडी स्क्रीन का निर्माण किया जाता है यह कुल 6 परतों से मिल कर बनता है। सबसे नीचे में बैकलाइट अर्थात पृष्ठ प्रकाश रहता है जो पूरे LCD को रोशनी देता है, क्योंकि लिक्विड क्रिस्टलीय पदार्थ खुद से प्रकाश नहीं निकाल सकता।

उसके बाद दूसरी परत पोलराइज़र की लगाई जाती है जो प्रकाश को नियंत्रित करती है। Polariser की लेयर काफी पतली होती है जो प्रकाश के चमक (brightness of light) को कम या अधिक करती रहती है। आसानी से समझने के लिए नीचे में दिए गए LCD layers diagram के image को देखिए।

LCD layers diagram image
Image Credit – HindiMood.com

इसके बाद तीसरी layer पश्च तल (बैकप्लेन) की होती है जो काँच या प्लास्टिक के बने हो सकते हैं। कांच वाले LCD के पश्च तल (बैकप्लेन) में पतली सी परत TFTs (Thin Film Transistors) की लगाई जाती है।

प्लास्टिक एलसीडी को OLCD (Organic LCD) के टर्म से जाना जाता है और इसके पश्च तल में OTFT अर्थात Organic Thin Film Transistor होता है। चौथी परत अग्रभाग (फ्रंटप्लेन) की होती है जिसमे लिक्विड क्रिस्टल के सेल भरे होते हैं।

पांचवी सतह कांच की कलर फ़िल्टर के लिए होती है जो रंगों नियंत्रित व प्रदर्शित करने का कार्य करती है। अंत में फिर एक Polariser की सतह रहती है।

आज-कल के एडवांस और महंगे एलसीडी में एक अतिरिक्त Anti Glare का परत देखने को मिलता है, जो प्रकाश के परावर्तन को कम करने का कार्य करता है जिससे स्क्रीन पर पिक्चर साफ़-साफ़ दिखाई देती है।

एलसीडी का अविष्कार किसने और कब किया?

60 के दशक में न्यू जर्सी के पप्रिंसटन (Princeton) में एक कंपनी हुआ करती थी जिसका नाम था आरसीए लैबोरेट्रीज (RCA Laboratories). इसी कंपनी द्वारा वर्ष 1964 में प्रथम बार व्यावहारिक रूप से एलसीडी की खोज गई।

दिसंबर 4, 1970 को ट्विस्टेड-नेमेटिक (twisted-Nematic) नामक कार्य प्रणाली का अविष्कार किया गया अर्थात एक ऐसी अवस्था जिसमे लिक्विड क्रिस्टल के अणु सामानांतर में उन्मुख होते हैं लेकिन अच्छी तरह व्यवस्थित नहीं होते।

LCD का इतिहास

इतिहास के पन्नो से ये पता चलता है कि liquid crystal display की उत्पत्ति तरल सोने से हुई है जिसे शुरूआती दिनों में जोसफ ए कास्टेल्लानो (Joseph A. Castellano) ने इसका वर्णन किया था। हालाँकि लिक्विड क्रिस्टल के वास्तविक उत्पत्ति को लेकर दूसरी विवरण 1991 तक Hiroshi Kawamoto द्वारा प्रकाशित है जो इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स IEEE पर उपलब्ध है।

LED और LCD में अंतर

  1. LED नई तकनीक पर काम करता है और इसे अधिक ऊर्जा की जरुरत पड़ती है
  2. एलसीडी में low और LED में हाई रेसोलुशन देखने को मिलता है
  3. LCD के डिस्प्ले का क्षेत्र बड़ा होता है जबकि LED का छोटा इसी के साथ दोनों के मूल्य में भी फर्क रहता है
  4. LED में बैक-लाइट नहीं होता जबकि एलसीडी में कोल्ड कैथोड फ्लोरोसेंट लैंप बैक लाइट के तौर पे रहता है
  5. LCD का स्विचन समय धीमा और LED का तेज होता है
  6. एलसीडी का कंट्रास्ट ratio उच्च और LED का निम्न रहता है
  7. एलईडी में पारा का इस्तेमाल नहीं किया जाता वहीं दूसरी ओर एलसीडी में इसका प्रयोग होता है
  8. LED में Gallium arsenide phosphide नामक पदार्थ का इस्तेमाल होता है जबकि led के निर्माण में लिक्विड क्रिस्टल काँच का उपयोग किया जाता है
  9. LCD का full form Liquid Crystal Display होता है और LED का फुल फॉर्म Light-Emitting Diode होता है

एलसीडी की हिंदी में जानकारी पूरी हुई, अगर इस लेख में कुछ अधूरा रह गया जिसे आप जानना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करके अपना सवाल पूछ सकते हैं, जिसका जबाब तुरंत दिया जायेगा।

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