आजकल Deepfake की चर्चा बहुत हो रही है, इस लिए इस लेख में हम जानेंगे Deepfake टेक्नोलॉजी क्या है और डीप फेक का हिन्दी meaning क्या होता है? इसके अलावा डीपफेक के फायदे व नुकसान क्या-क्या हैं? Deep Fake कोई बहुत ही नई टेक्नोलॉजी नहीं है, इसका इस्तेमाल हॉलीवुड में पहले से होता आ रहा है, तो इसी लिए इसके इतिहास और आविष्कार बारे में जानना जरुरी है।
यदि आपको कोई ऐसा वीडियो मिलता है जिसमे व्लादिमीर पुतिन ये बोलते हुए दिखते हैं कि रूस अब भारत का हिस्सा है, तो आप उस वीडियो के बारे में कई बार सोचेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है। दोस्तों आज कल ऐसा ही हो रहा है, दरअसल आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का ऐसा क्रेज़ बढ़ रहा है कि हमें ऐसी-ऐसी technology देखने को मिल रही है कि जिसके बारे में हमने सपने में भी नहीं सोचा होगा।
AI अर्थात Artificial Intelligence जिसे हिन्दी में हम कृत्रिम बुद्धि से भी जानते हैं एक ऐसा टेक्नोलॉजी है जिसके अंदर खुद से सीखने व ऐसे प्रश्नों का उत्तर देने की क्षमता होती है जिसे अबतक सिर्फ इंसान ही करता आ रहा था।
अभी कुछ समय से ChatGPT (Open AI) की खूब चर्चा हो रही है क्योंकि ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर (टूल) है जिससे कुछ भी पूछने पर आपको सही सही उत्तर मिल जाता है।
इसी प्रकार से और भी अन्य AI tool हैं जैसे कि text to image generator, AI आर्ट जनरेटर इत्यादि। इन्हीं में से एक है DeepFake जिसके बारे में अब हम जानेंगे।
Deepfake टेक्नोलॉजी क्या है?
Deepfake एक ऐसी AI टेक्नोलॉजी है जो ह्यूमन इमेज सिंथेसिस अर्थात मानव छवि संश्लेषण पर काम करती है। इसमें एक विशेष तरह के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की सहायता से कोई भी साधारण व्यक्ति जैसे कि आप और हम किसी विख्यात व्यक्ति या किसी चर्चित हस्ती के चेहरे (face) को अपने ऊपर लगा कर वीडियो बना सकता है और जो चाहे वो बुलवा सकता है या कोई एक्टिंग करवा सकता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिये कि कोई व्यक्ति जो डीप फेक सॉफ्टवेयर चलाना जनता हो वो किसी डांसर (नाचने वाले) के चेहरे पर ईलॉन मस्क का चेहरा लगा दे तो आपको ऐसा लगेगा की ईलॉन मस्क ही डांस कर रहे हैं और आप जरा सा भी नहीं पकड़ पाएंगे।
ऐसे में आप आश्चर्य करने लगेंगे कि ईलॉन मस्क नाचने कब से लगे। ठीक इसी प्रकार से किसी भारतीय व्यक्ति जो हिन्दी बोलता हो और उसके चेहरे की जगह किसी अंग्रेज़ का चेहरा लगा दिया जाये तो लोग सोचने लगेंगे की ये अंग्रेज़ हिन्दी कैसे बोल रहा है।
जबकि वहाँ अंग्रेज़ नहीं बल्कि भारतीय व्यक्ति बोल रहा है। इसी के साथ जिस अंग्रेज व्यक्ति का चेहरा इस्तेमाल किया गया उसके होंठ भी वैसे ही हिलेंगे मानो जैसे वो हिंदी के ही शब्द बोल रहा हो। Deep fake की एक video नीचे दे रहे है जिसे देख कर आप आसानी से समझ सकते हैं कि ये कैसा दिखता है।
Deepfake Meaning In Hindi
Deepfake दो शब्दों से मिलकर बना है deep और fake जहाँ deep को deep learning से जोड़ कर देखा जाता है और fake का अर्थ नकली अथवा झूठा से है। अर्थात एक ऐसी छवि या वीडियो जो वास्तव में है ही नहीं, कहने का अर्थ ये है कि जो वीडियो या image में आपको दिख रहा है वो सच में उसमे मौजूद नहीं है। इस प्रकार से Deepfake का हिन्दी में अर्थ कृत्रिम मीडिया से है।
Deepfake टेक्नोलॉजी के नुकसान
कुछ बुरे लोग डीपफेक का इस्तेमाल लोगों को गुमराह करने, लोगों के साथ फ्रॉड करने, गलत जानकारी फैलाने, लोगों को डराने, ब्लैकमेल करने के लिए करते हैं। कुल मिलाकर उनका उद्देश्य गलत होता है। इस लिए इस तरह की टेक्नोलॉजी इंटरनेट की दुनिया में एक चुनौती भी है।
इस DeepFake video को पूरा देखिये-
Deep fake का सही इस्तेमाल (फायदे)
Deepfake का सही इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है इसका एक सबसे अच्छा उदाहरण है फिल्म इंडस्ट्री। फिल्म जगत में इस आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
किसी अभिनेता की अनुपस्थिति में उसी के चेहरे का प्रयोग करके उस अभिनेता की उपस्थिति दिखाई जाती है। कहने का अर्थ ये है कि यदि वो कलाकार मौजूद नहीं है तो सिर्फ उसकी छवि लेकर और उसका आवाज भी लेकर उसे फिल्म में दिखाया जाता है, इससे देखने वाले दर्शक को ऐसा लगता है मानो वही अभिनेता मौजूद है।
इन लेख को भी पढ़िए –
क्या है मैलवेयर वायरस क्या है, इसके प्रकार
रैनसमवेयर क्या है, प्रकार व बचने का तरीका
डीपफेक का इस्तेमाल करके आवाज कैसे तैयार किया जाता है
किसी भी व्यक्ति के आवाज को रिकॉर्ड करके उसके ऑडियो तैयार किया जाता है और कुछ मिनट का ऑडियो रिकॉर्ड हो जाने के बाद उस रेकॉर्डिंग को डीप फेक सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाता है।
इसके बाद आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी उस ऑडियो को लर्न करती है अर्थत उस व्यक्ति के आवाज को सुनती है और उसे बोलना सीखती है।
जब deepfake सॉफ्टवेयर उस आवाज को सीख लेती है तब उसके बाद उस सॉफ्टवेयर को जो भी शब्दों बोलने को दिया जाता है तो वो सॉफ्टवेयर एकदम उसी व्यक्ति की आवाज में बोलती है।
उदाहरण के लिए मान लीजिये कि अमिताभ बच्चन के आवाज को deepfake सॉफ्टवेयर को दिया जाता है तो वो सॉफ्टवेयर AI की सहायता से अमिताभ बच्चन की आवाज को पहले सीखेगा उसके बाद जो भी लाइन आप उस सॉफ्टवेयर को लिख कर देंगे वो एकदम अमिताभ बच्चन की तरह ही बोलेगा।
Deep Fake video को कैसे पहचाने
Deep Fake video की पहचान करना आसान भी है और कठिन भी है। यदि कोई video Deepfake की अत्यधिक एडवांस टेक्नोलॉजी से बना हुआ है तो आम लोग उसका पता नहीं लगा सकते, इसका पता करने के लिए विशेषज्ञों का सहारा लेना पड़ता है।
इसके अलावा यदि वीडियो डीप फेक के किसी सामान्य सॉफ्टवेयर से बना हुआ है तो इसका पता आप लगा सकते हैं।
इसका पता लगाने के लिए आपको video को slow motion में देखना होगा और यदि वीडियो में किसी तरह का ग्लिच, परछाई या चेहरे की बनावट में कुछ गड़बड़ी नजर आता है तो आप समझ सकते हैं की वीडियो डीपफेक से बना हुआ है।