IP Address क्या होता है – IPv4, IPv6, Private, Public, Dynamic, Static आईपी

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कंप्यूटर, smartphones व इंटरनेट के क्रांति के बाद हमें ना जाने कितने प्रकार के टर्म्स सुनने को मिलते हैं उसी में से एक है IP Address. अगर आप भी जानना चाहते हैं कि IP address क्या होता है, IPv4, IPv6, Dynamic IP, Public, Private, Static IP क्या है और इसे कैसे पता करें या चेक करें, तो इस लेख में आपको संपूर्ण जानकारी हिंदी में बताई जा रही है.

Internet Protocol जिसे हम shortcut में IP भी कहते हैं इसके भी अलग-अलग प्रकार होते हैं जिन्हें हम नीचे एक-एक करके जानेंगे. इसके अलावा आप किसी के मोबाइल या कंप्यूटर, लैपटॉप का IP address कैसे पता कर सकते हैं आसन तरीके से ये भी जानेंगे.

जब भी आप ऑनलाइन किसी network का 4G, 5G या ब्रॉडबैंड का इंटरनेट स्पीड टेस्ट करते हैं तो वहां भी आपके डिवाइस का IP address ‘Your IP‘ के साथ लिख कर आता है. लेकिन उसका प्रकार नहीं पता चलता. इसी के साथ IP check करने का ये सही तरीका भी नहीं है. तो चलिए जानते हैं.

IP Address का Full Form In Hindi

IP का full form English में Internet Protocol होता है और हिंदी में इसे ‘अंतरजाल नियमावली पता‘ या इंटरनेट प्रोटोकॉल पता भी कहते हैं. अब इसकी परिभाषा को हम जानेंगे.

IP Address क्या है?

सरल शब्दों में बताएं तो IP यानी कि Internet Protocol Address एक ऐसा पता होता है जो आपके device जैसे कि smartphone, Laptop व computer को ऑनलाइन इंटरनेट से जोड़ता है.

दूसरे शब्दों, इंटरनेट के माध्यम से कोई भी information या data लेने व भेजने अर्थात आदान प्रदान करने के लिए एक digital पते कि जरुरत होती है, उसी पता को IP address कहते हैं.

प्रत्येक डिवाइस का अपना अलग IP होता है और वही IP उन डिवाइस कि पहचान करके नेटवर्क से जोड़ता है. Internet Protocol Address संख्यात्मक होता है जो network ID और Host ID से मिलकर बना होता है.

Device के IP address में कुल 4 फील्ड होता है और प्रत्येक फील्ड 8-bit का होता है, इस प्रकार से एक पूरा IP address 32-bit का होता. सभी फील्ड को decimal से बाँटा जाता है. इंटरनेट प्रोटोकॉल पता में पहले के दो फील्ड नेटवर्क ID के होते हैं और अंतिम के दो फील्ड Host ID होते हैं.

IP Address के प्रकार

Internet Protocol Address कुल चार प्रकार के होते हैं पहला Public, दूसरा Private, तीसरा Static IP और चौथा Dynamic IP. मौजूदा समय में आईपी एड्रेस के कुल दो version उपलब्ध है पहला है IPv4 और दूसरा IPv6 इन सभी के बारे में आसन शब्दों में नीचे पढ़िए.

Private IP Address क्या होता है?

आसन तरीके से समझिये, आपके घर में बहुत सारे डिवाइस हैं जैसे कि आपका मोबाइल, आपके पिता जी का, आपके भाई का स्मार्टफोन, आपकी बहन का लैपटॉप इत्यादि, इन सभी अलग-अलग डिवाइस के जो IP होंगे वो अलग-अलग होंगे और उसे ही private IP कहते हैं.

Private Vs Public IP Address

आपके डिवाइस का इंटरनेट प्रोटोकॉल पता (IP address) ही आपके डिवाइस तक इंटरनेट लेकर आता है, लेकिन जब आपका डिवाइस ISP (internet service provider) जैसे कि Jio, Airtel, BSNL, Vi इत्यादि के नेटवर्क से जुड़ता हैं तो आपके device का private IP छिप जाता है अर्थात hide होता है और पब्लिक आईपी ही नजर आता है.

Public IP Address किसे कहते हैं?

Private IP से आगे बढ़ते हुए जब आपका डिवाइस WiFi router जैसे iBall baton router, Excitel WiFi router इत्यादि से कनेक्ट करता है तो राऊटर से बाहर का IP, public IP हो जाता है. इसे और आसानी से समझिये, जो कंपनी आपको इंटरनेट प्रदान कर रही है तो इस कंपनी और इंटरनेट के बीच में जो IP address बनता है वो पब्लिक होता है.

कहने का अर्थ ये है कि इंटरनेट प्रदान करने वाली कंपनी जब आपके smartphone, लैपटॉप, कंप्यूटर इत्यादि devices को इंटरनेट से जोड़ देती है तो उस समय अर्थात Internet Service Provider और इंटरनेट के बीच में जो IP होता है वही public IP होता है.

इंटरनेट के माध्यम से पूरे दुनिया से जुड़ने के लिए पब्लिक आईपी कि जरुरत होती ही है, इसके बिना आप इंटरनेट तक नहीं पहुच सकते.

Dynamic IP

Dynamic IP हमेशा बदलता रहता है अर्थात इस तरह के IP अस्थायी होते हैं. जब तक आप इंटरनेट चलाते रहते हैं तब तक एक डायनामिक आईपी होता है और जैसे ही इंटरनेट ऑफ कर देते हैं और फिर से ऑन करते हैं तो वो IP change हो जाता है.

कुछ इंटरनेट प्रदाता कंपनी 24 घंटे के अंतराल पर डायनामिक आईपी असाइन करते रहते हैं. जब आपके इंटरनेट का dynamic IP address बदलता है तो वो दूसरे के पास चला जाता है और आपके पास किसी और का Dynamic IP address आ जाता है.

Static Internet Protocol Address In Hindi

Static का हिंदी मतलब स्थिर होता है तो इस प्रकार से ये एक Static अर्थात स्थिर IP होता है जो हमेशा एक ही रहता है. ये इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस कभी नहीं बदलता.

ये हर एक डिवाइस का fixed होता है, जो उस डिवाइस की पहचान करके इंटरनेट से जोड़ता है. ये कभी नहीं बदलने वाला IP आपके घर के पते (एड्रेस) की तरह होता है लेकिन संख्यात्मक होता है.

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IPv4 क्या है?

IPv4 का full form ‘Internet Protocol version four‘ होता है. जैसा कि इसके नाम से प्रतीत होता है ये आईपी एड्रेस का चौथा वर्शन है. IPv4 को 1982 में SATNET के लिए और January 1983 में ARPANET के लिए उत्पादित किया गया था.

IPv4

जैसा कि हमने आपको ऊपर में बताया, IP Address का ये चौथा version है और इसका एड्रेस साइज 32-bit का होता है.

IPv4 का अच्छा उदाहरण है Static IP, जैसे 192.0.2.126 एक IPv4 हो सकता है.

आज के समय में उपकरण ज्यादातर IP version 4 का ही इस्तेमाल करते हैं और इन IP addresses की कुल संख्या लगभग 4.3 बिलियन है.

IPv6 क्या होता है?

IPv6 में 8 फ़ील्ड्स होते हैं और प्रत्येक फील्ड 16-bit का होता है इस प्रकार से Internet Protocol version 6 का एड्रेस साइज 128-bit का होता है.

ये address पूरी तरह से संख्यात्मक नहीं होता बल्कि अक्षरांकीय (अल्फान्यूमेरिक) होता है, जिसमे नंबर के साथ-साथ अंग्रेज़ी के अक्षर होते हैं और सभी फील्ड को कॉलन (:) से अलग किया जाता है.

जब IPv6 को लाया गया था तो इसे 340 ट्रिलियन की संख्या में उत्पादित किया गया था और इसकी रेंज 0 से लेकर FFFF है. आपके जानकारी के लिए बता दें कि यहाँ FFFF एक हेक्साडेसिमल नोटेशन है जिसकी दशमलव (decimal) में value 65535 होती है.

IPv6 का उदाहरण – 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334

IPv6 कि जरुरत क्यों पड़ी?

जैसा कि आप जान गए हैं कि IPv4 को एक बार में 4.3 बिलियन की संख्या में उत्पादित किया गया था, और इसे नहीं बढ़ाया जा सकता है.

दुनिया की जनसंख्या इतनी अधिक है और गैजेट्स जैसे कि smartphones, Laptops, कंप्यूटर, टेबलेट्स इत्यादि का उत्पादन इतना अधिक हो रहा है कि अब ये IPv4 कम पड़ने लगा है. इसी कमी को लेयर (दूर) करने के लिए IPv6 को लाया गया जो कभी खत्म नहीं होगा.

अपना IP Address Check या पता कैसे करें?

अपना आईपी एड्रेस पता करना बहुत ही आसान है, इसके लिए आपको गूगल में टाइप करना है ‘What is my IP’ आपको गूगल ही बता देगा. यदि आपको सिर्फ IPv6 दिखता है तो कोई बात नहीं आप नीचे के एक दो website खोल कर IPv4 भी पता कर सकते हैं. जैसे whatismyipaddress.com को ओपन करके अपने public internet protocol का पता लगा सकते हैं.

दूसरे के मोबाइल या कंप्यूटर का IP पता करने के लिए आपको उसके डिवाइस को कुछ मिनट के लिए लेना होगा और ठीक ऊपर में बताये गए विधि द्वारा गूगल में सर्च करके पता या check कर सकते हैं.

निष्कर्ष:

इस लेख के माध्यम से हमने कम से कम शब्दों में आपको IP Address की पूरी जानकारी आसन शब्दों में हिंदी में देने की कोशिश की है. इसी के साथ इंटरनेट प्रोटोकॉल पता कितने प्रकार के होते हैं इसे भी बताया है.

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